



संक्षिप्त इतिहास
06 अप्रैल 2018 को फत्र्याल जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जी के पाटी आगमन पर प्रतिनिधि मंण्डल के विशेष आग्रह पर पाटी मुख्यालय में राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की विधिवत घोषणा की गयी। 25 फरवरी 2019 को उ0सरकार द्वारा शासनादेश जारी हुआ तथा डाॅ0ए0एस0 उनियाल जी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय देवीधुरा को पाटी महाविद्यालय पाटी का नोडल अधिकारी/प्रभारी प्राचार्य नियुकत किया गया।
समिति के सदस्य श्री सुरेश चन्द्र भटृ जी ने काफी प्रयास करके महाविद्यालय के भवन हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी, चमपावत से प्राथमिक विद्यालय पाटी के भवन में अस्थाई संचालन हेतु अनुमति दिलाई।
स्मिति ने कु0वि0वि0नैनीताल से बी0ए0प्रथम वर्ष को प्रारम्भ करने हेतु पैनल कराने के लिये आपसी चन्दे से धनराशि की व्यवस्था की। पैनल द्वारा महाविद्यालय में बी0ए0 प्रथम वर्ष में चार विषयों हिन्दी,संस्कृत,अंग्रेजी एवं समाजशास्त्र के साथ प्रारम्भ करने की अस्थाइई मान्यता प्रदान की गई।
Notice Board

प्राचार्य-संदेश
देवभूमि उत्तराखण्ड के अंतर्गत कुमाऊँ की पूर्व राजधानी रहे ऐतिहासिक चम्पावत जनपद में अवस्थित राजकीय महाविद्यालय, पाटी (चंपावत) की स्थापना का मूल उद्देश्य केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीति के अनुरूप सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के कम आय वर्ग के इच्छुक अभ्यर्थियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यह महाविद्यालय अपनी स्थापना से राजकीय प्राथमिक विद्यालय, पाटी के भवन में गतिशील है जिसके अपने भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण होने की संभावना है। वर्तमान समय में महाविद्यालय में कला संकाय के अंतर्गत हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, इतिहास और शिक्षाशास्त्र विषयों में अध्ययन-अध्यापन चल रहा है। महाविद्यालय को अपना भवन हस्तांतरित होने के उपरान्त विद्यार्थियों हेतु विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के अतिरिक्त व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाने का प्रयास किया जाएगा।
प्राचार्य
डॉ. राकेश कुमार पांडेय
महाविद्यालय को एक जीवन्त एवं आदर्श शैक्षिक परिसर के रूप में स्थापित करने के लिये विद्यार्थियों में वैश्विक सोच के साथ स्थानीय ज्ञान एवं लोक संस्कृति,मूल्यपरक योग्यता को समाहित करने के साथ क्षेत्र के पिछड़े एवं कमजोर वर्ग सशक्त बनाना।
1-महाविद्यालय में अनुशासित वातावरण का निर्माण करना।
2-कक्षा-कक्ष शिक्षण के साथ आनलाईन कटेंट, मण्बुक्स, टापिक लिंक्स एवं ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन करना।
3-महाविद्यालय के छात्रों को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु नवाचार का प्रशिक्षण एवं विपणन का ज्ञान।




